10 Most Interesting Facts about Albert Einstein in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन के जीवन से जुड़े रोचक तथ्य
Interesting facts related to the life of Albert Einstein

यदि आज आपने यह Article पूरा पढ़ लिया तो आपकों Great Albert Einstein के विषय में कुछ भी जानने के लिए किसी दूसरे जानकारी की आवश्यकता नहीं होगी। उनके जीवन के सम्पूर्ण सत्य, तथ्यों सहित दिये गये है। आपको  इसे पढ़कर एक प्रेरणा , एक नई ऊर्जा का संचार होने वाला है। पूरा पढ़ने का प्रयास करें।

Content In Short

Albert Einstein एक बुद्धिमान विश्व प्रसिद्ध सैद्धांतिक भौतिकविद थे। जो 20वीं शताब्दी के शुरुआती 20वर्षों तक विश्व के विज्ञान जगत पर छायें रहने वाले मानव इतिहास के सबसे महान व्यक्ति थे, जिन्होंने अपनी बुद्धिमानी और खोजों के आधार पर सापेक्षता के सिद्धांत (Theory Of relativity). द्रवमान ऊर्जा समीकरम (Mass Energy Equcation) E = mcˆ2 जैसे सिद्धांत दिए।

albert einstein with tagore
scientist Albert Einstein

 

इसके अलावा उन्होनें Brownian Motion of Molecule, thermal properties of law radiation density light, Theory of radiation, आदि अन्य सिद्धांत भी दिए ।

उन्हें सैद्धान्तिक भौतिकी, मूल रुप से प्रकाश-विद्युत उत्सर्जन ( Law of Photoelectric Emission) की खोज के लिए सन् 1921 में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

Albert Einstein अपनी बुद्धिमानी के कारण इतने महान और लोकप्रिय थे कि वह जब कभी भी घुमने निकलते थे तो लोग उन्हें रास्ते में ही रोककर उनके सिद्धांतों की व्याख्या पूछने लगते थे। अत: उन्होनें इससे बचने की एक युक्ती की , जब भी कोई उनसे पूछताछ करता था तो वह कहते थे की माफ कीजिए लोग मुझे Professor Einstein समझ लेते, पर मै वह नहीं हूँ।

  • Albert Einstein सार्वकालिक महानतम वैज्ञानिक थे। उन्होनें 50 से अधिक शोध-पत्र और विज्ञान से अलग पुस्तके लिखी। उन्होने 300 से अधिक वैज्ञानिक शोध-पत्रों का प्रकाशन भी किया। 
  • 5 दिसंबर  2014 को अभिलेखागारों और विश्वविद्यालयों ने Albert Einstein के 30000 से भी अधिक अद्वितीय दस्तावेजों एंव पत्र की प्रदर्शन  की घोषणा की। सन् 1999 में टाइम पत्रिका ने उन्हें शताब्दी पुरुष घोषित करा।

 बचपन  और शिक्षा
Childhood and education of Albert Einstein

  • Albert Einstein जन्म 14 मार्च 1879 जर्मनी में वुटेनबर्ग के एक यहूदी परिवार में हुआ था।
  • Albert Einstein के पिता का नाम हरमन आइंस्टीन था जो एक सेल्समैन और इंजीनियर थे। इनकी माता का नाम  पौलीन आइंस्टीन था। जो घर संभालती थी। इनसे 2 साल छोटी इनकी एक बहन मारिया थी।
  • यह बचपन में पढ़ाई में ज्यादा अच्छे नहीं थे। शुरू में इन्हें बोलने में भी बहुत कठिनाई होती थी और पढ़ाई में कमजोर होने के कारण इन्हें मंदबुद्धि कहा जाने लगा था। पहले उन्होंने अपनी मातृभाषा जर्मन  सीखी और बाद में इतालवी और अंग्रेजी भी सीखी।
  • सन् 1880 में इनका पूरा परिवार म्यूनिख शहर चला गया वहाँ इनके पिता और चाचा ने मिलकर एक Elektrotechnische Fabrik J. Einstein And Cie नामक कम्पनी खोली। यह कम्पनी बिजली के उपकरण बनाती थी।
  • इस कम्पनी ने म्यूनिख शहर के Oktaberfest मेले में पहली बार लाइट लगाने का कार्य किया।
  • Albert Einstein एक यहूदी थे परंतु इनका परिवार यहूदी धार्मिक परम्पराओं को नहीं मानता था। जिस कारण यह कैथोलिक विद्यालय में पढ़ सके ।
  • माँ की आज्ञा पर इन्होनें सारन्गी(Violin) बजाना सीखा। परंतु उन्हे यह पसंद नही ता इसलिए बाद में छोड़ भी दिया।
  • सन् 1894 में, Albert Einstein के पिता और चाचा की कंपनी को म्यूनिख शहर के Oktoberfest मेले में प्रकाश व्यवस्था के लिए आपूर्ति करने का अनुबंध (Agreement) ना मिलने के कारण भारी नुकसान हुआ और इन्हें अपनी कंपनी बेचनी पड़ी।
 

जिसके बाद व्यापार की खोज में इनका पूरा परिवार इटली चला गया। वहाँ पहले “मिलान” शहर और फिर कुछ महीने बाद “पाविया” शहर में बसे।

  • Albert Einstein ने अपनी शिक्षा नहीं छोड़ी और शिक्षा पूरी करने के लिए म्यूनिख में ही रहें।
  • दिसंबर 1894 के अंत में, ये पाविया में अपने परिवार से मिलने गये। तब इन्होनें इटली की यात्रा की।
  • जब यह इटली में थे तब इन्होनें “Examination of Ether state in a Magnetic Field” नामक शीर्षक से एक छोटा सा निंबध लिखा।
  • इन्होनें आगे पहुंचने के लिए कम उम्र से ही गणित और भौतिकी में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया। 12 वर्ष की अवस्था में ही Albert Einstein नें बीजगणित और यूक्लिडियन ज्यामिती स्वंय सीख लिया। एक पारिवारिक शिक्षक “मैक्स तल्मूड” ने कहा था की – “ जब उन्होनें बारह वर्षीय आइंस्टीन को एक ज्यामिति की पाठ्यपुस्तक दी थी, तो थोड़े समय के बाद ही आइंस्टीन ने पूरी पुस्तक को पढ़ लिया था। उनकी गणितीय प्रतिभा इतनी ऊंची थी की वह उसका अनुसरण नहीं कर सकते थे।”
  • 12 वर्ष की आयु में उन्होनें स्वंय कैलकुलस पढाना आरम्भ कर दिया था। और 14 वर्ष की आयु में उन्होनें कहा था कि उन्हें “इंटीग्रल और डिफरेंट कैलकुलस में महारत हासिल है।”
  • आइंस्टीन ने 13 बर्ष की आयु में Immanuel Kant की पुस्तक “Critique of Pure Reason” पढ़ी । तभी से Kant उनके पसंदीदा दार्शिनिक बन गये।
  •  16 वर्ष की अवस्था 1895 में उन्होंने ज्यूरिख में स्विस फेडरस पॉलिटेक्निक में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा दी। जिसमें वह जरूरी अंक लाने में असफल रहे। परंतु गणित और भौतिकी में अच्छी ग्रेड मिली।
  • जिसके बाद 1895 और 1896 में पॉलिटेक्निक के प्रिंसिपल की सलाह से स्विट्जरलैंड के आरौ में आर्गोवियन कैंटोनल विद्यालय से अपनी माध्यमिक स्कूल शिक्षा पूर्ण की।
  •  सन् 1896 में अपने पिता की स्वीकृति पर जर्मन किंगडम ऑफ वुटैमबर्ग में नागरिकता का त्याग कर दिया।
  • सन् 1896 सितंबर में श्रेष्ठ ग्रेड से स्विस मटुरा पास किया जिसके बाद 17 वर्ष की आयु में म्युनिख पॉलिटेक्निक में 4 वर्षीय भौतिकी और गणित शिक्षण में डिप्लोमा के लिए एडमिशन लिया।
  • 1900 में गणित और भौतिकी की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर Federal Polytechnic Teaching Diploma से सम्मानित किया गया जिसके बाद 30 अप्रैल 1905 में प्रोफेसर सलाहकार के रूप में कार्यरत होकर प्रयोगिक भौतिकी के प्रोफेसर अल्फ्रेड क्लिनर के साथ अपनी थीसिस पूर्ण की।
  • जिसका परिणाम यह हुआ कि अल्बर्ट आइंस्टीन को म्यूनिख विश्वविद्यालय द्वारा “A New Determination of Molecular Dimension” नामक शोध प्रबंध के लिए पीएचडी से सम्मानित किया गया।

 आइंस्टीन का विवाह और संतान:-
Einstein’s marriage and children: –

 

  • जब आइंस्टीन पॉलिटेक्निक कर रहे थे, उसी वर्ष एक 20 वर्षीय महिला Mileva Maric ने भी प्रवेश लिया। पाठ्यक्रम के भौतिकी और गणित में प्रवेश करने वाले 6 छात्रों में वह केवल एक महिला थी।
  • आइंस्टीन और मारीक एक साथ पुस्तक पढ़ने लगे और कुछ वर्षों बाद उनकी दोस्ती रोमांस में परिवर्तित होने लगी।
  • वो दोनों साथ रहने लगे जिसके पश्चात मारीक ने सन् 1902 में एक लाइजरल नाम की पुत्री को जन्म दिया। परंतु अल्बर्ट की मृत्यु के पश्चात मारीक और उनके बीच आदान-प्रदान वाले पत्रों को जब देखा तो उनमें लाइजरल का कोई जिक्र नही मिला।
  • ऐसा माना गया है कि सन 1903 में लाइजर की बुखार से मृत्यु हो गई थी।
  •  इसके बाद उन्होंने सर 1903 मारीक से विवाह कर लिया। सन 1904 में बर्न स्विजरलैंड में उनका एक बेटा हुआ जिसका नाम हंस अल्बर्ट आइंस्टीन था। जुलाई 1910 में ज्यूरिख में एक उनके दूसरे बेटे का जन्म हुआ जिसका नाम एडुअर्ट रखा गया।
  • इस दौरान आइंस्टीन ने अपनी विश्व प्रसिद्ध थ्योरी “ Theory Of Relativity की खोज की थी।
  • मारीक के अलावा दूसरी औरतों के साथ इनके संबंध होने की वजह से इनका वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं था। इनकी पत्नी और इनके बीच मतभेद रहने लगे। और फिर Albert Einstein ने मारीक से तलाक लेने का फैसला किया। परंतु मारीक ने तलाक लेने से मना कर दिया।
  • लेकिन सन् 1912 में Albert Einstein अपनी पत्नी से अलग हो गये और फिर सन् 1919 में दोनों का तालाक हो गया।
  • माना जाता है कि इनकी दो पत्नी थी और इनके अलावा भी Albert Einstein के कई और भी अफेयर्स रहे। ये अपनी कजिन “एल्सा” से प्यार करने लगे थे। जिसे कारण इनका ध्यान मारिक से हटता जा रहा था।
  • मारीक से तलाक के बाद 2 जून, 1919 में इन्होंने एल्सा से दूसरा विवाह कर लिया। एल्सा ने भी उनसे शादी करने के लिए अपने पहले पति मैक्स लोवेंथाल को छोड़ दिया था। विवाह के कुछ समय पश्चात ही एल्सा की मौत हो गई। इनकी मृत्यु के बाद अल्बर्ट ने कोई और विवाह ना करने और अकेला रहना ही पसंद किया।

 

 

albert einstein biography and inovations
Albert einstein biography

 

महान वैज्ञानिक Albert Einstein का जीवन

Life of Great Scientific Albert Einstein


  •  उन्होंने सैकड़ों किताबें और लेख लिखे और प्रकाशित भी किया। आइंस्टीन ने 300 से अधिक वैज्ञानिक और 150 गैर- वैज्ञानिक शोध-पत्र प्रकाशित किए।

  • एक लेख ने यह भी बताया गया है कि इनके शुरुआती लेखन में अनेक त्रुटिया होती थी जिससे इनके प्रकाशन होने में 10 वर्ष की देरी हो चुकी थी।

1905 -Annus Mirabilis Papers


  • अनुस मिराबिलस पेपर्स से संबंधित चार लेख है। सन् 1905 में आइंस्टीन ने इसे ऑनलाइन डेर फिजिक नामक वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित किया। ये चार लेख थे- प्रकाश विद्युत प्रभाव (जिसमें क्वांटम सिद्धांत का जन्म हुआ।) ब्राउनियन मोशन , सापेक्षता का विशेष सिद्धांत और E=mcˆ2


  • आधुनिक भौतिकी की मजबूत नींव के लिए इन चारों लेखो का बहुत योगदान रहा। जिससे लोगों की समय, अंतरिक्ष और द्रव्य पर सोच बदली।

ऊष्मागतिकी अस्थिरता और सांख्यिकीय भौतिकी:-

Thermodynamic Instability and Statistical Physics:-

सन 1900 में “कौशिका आकर्षण” नामक पहला शोध-पत्र ऑनालेन डेर फिजिक्स को प्रस्तुत किया।

 


  • सन् 1901 में यह “कैशिकत्व घटना से निष्कर्ष “नामक शीर्षक से प्रकाशित हुआ। सन् 1902-1903 में ऊष्मा गतिकी पर दो पत्रों परमाणुवीय घटना की व्याख्या , और सांख्यिकीय का प्रकाशन किया। सन् 1905 में इसी के आधार पर ब्राउनियन गति पर शोध-पत्र लिया।

Theory of Relativity:-

Theory of Relativity के संबंध में दो सिद्धांत दिए गए है।
(1) Special theory of Relativity (सापेक्षता का विशेष सिंद्धात)
(2) General Theory Of Relativity ( सापेक्षता का सामान्य सिद्धांत)
  • आइंस्टीन ने  सिद्धांत दिये, जो बाद में सही साबित हुए थे। इनका एक शोध-पत्र “ चलित निकायों के बिजली का गतिविज्ञान पर ” 30जून 1905 को पूरा हुआ जो 26 सितंबर 1905 को प्रकासित हुआ। यह शोध-पत्र चुंबकत्व और बिजली के मैक्सवेल के समीकरण और यांत्रिकी के सिद्धांत, प्रकाश की गति के करीब यांत्रिकी में बड़े बदलाव के बाद सामंजस्य निश्निचत करता है। यही सिद्धांत बाद में सापेक्षता के विशेष सिद्धांत के रूप में प्रसिद्ध हुआ।
  • इस Theory की मदद से हम प्रकाश की गति और ब्रह्माण्ड के अन्य रहस्यों को समझ सकते हैं। और यह भी पता लगा सकते है कि ब्रह्माण्ड के अलग-अलग नियमं अलग-अलग वस्तु पर कैसे काम करते हैं

General Theory of Relativity:-

  • General Relativity सन् 1907 से 1915 के बीच विकसित गुरुत्वाकर्षण का एक सिद्धांत हैं। आइंस्टीन पूर्णत: Gravity को समझने के लिए 10 बर्षों तक Acceleration और Gravity के बीच संबंध में सोचते रहे।
  • जिसके लिए उन्होनें एक Thought Experiment किया। जिससे यह नतीजा निकला की Gravity और Accelaration एक ही है। उन्होने कहा की Curve Space Time के कारण Gravity का निर्माण होता है। और जब कोई वस्तु समय के साथ गति करती या Accelerate होती है तो वह समय से ज्यादा Space मे Travel करती हैं।

E = mcˆ2  सुत्र से :

E = mcˆ2अल्बर्ट आइंस्टीन की प्रसिद्ध समीकरण है, इसमे 
E- ऊर्जा (Energy )
m= द्रव्यमान(mass)
C= प्रकाश की गति (Speed of light) 
 

 

E EQUAL TO MC SQUARE
Formula  E = mcˆ2

 

 
इस समीकरण का मतलब है कि उर्जा, द्रव्यमान में प्रकाश की गति के वर्ग के गुणनफल के बराबर होती है। जिसका अर्थ है कि ऊर्जा  और द्रव्यमान एक ही चीज के अलग-अलग रुप है एंव सही परिस्थितियों में द्रव्यमान ऊर्जा में बदल सकता है।

तरंग-कण द्वैतता:-

Wave-particle duality:-

 
इस खोज में Albert Einstein का बहुत बड़ा योगदान रहा। इस थ्योरी में उन्होने बताया था कि किसी पदार्थ के परमाणु तरंग और कण दोनों की तरह ही व्यवहार करते हैं।

Theory of Brownian Motion :-

 इस खोज में उन्होनें परमाणु के निलबंन में Zigzag Movement का परिक्षण किया। इस सिद्धांत के अनुसार किसी पदार्थ के अंदर कणों की तीव्रगामी गति से टकरा कर जो गति होती है उसे Brownian Motion कहते हैं।
यह भी आाइस्टींन की सबसे बड़ी और अच्छी खोज रही।

Albert Einstein Refrigerator:-

Einstein Refrigerator का आविष्कार सन् 1962 में आइंस्टीन और उनके  पूर्व छात्र लेओ स्जिल्ड ने एक साथ मिलकर किया। जिसे उन्होनें सन् 1930 में उन्होने पेटेंट कराया। उस समय यह फ्रिज बिना किसी पूर्जे के कार्य करता था और Input के लिए वस Heat का इस्तेमाल होता था। 
11 Nov 1930  में Albert Einsteinऔर Leo Szilard  को Refrigerator  के लिए सम्मानित किया गया।

Quantum Theory of Light:-

 
यह Theory उन्होनें मार्च 1905 को दी। इस सिद्धांत के अनुसार प्रकाश Small Packet, Bundle या कणों के रुप में मौजूद है, जिसे उन्होनें  Photon कहा था।
इनके अलावा उन्हें  क्वान्टाइज्ड परमाणु कंपन, स्थिरोष्म सिद्धांत और चाल-कोण चर, आदि कई अन्य सिद्धांत भी दिए।


गैर-वैज्ञानिक विरासत
non-scientific heritage of Albert Einstein

 
बताया जाता है कि यात्रा के दौरान ये अपनी दूसरी पत्नी एल्सा और दत्तक पुत्री कदमूनी मार्गोट व इल्से को पत्र लिखते थे। मार्गोट ने Albert Einstein की मृत्यु के बाद इन पत्रों को जनता में उपलब्ध करने की आज्ञा दे दी। और साथ  में यह भी कहा था कि आइंस्टीन की मौत के पश्चात 20 वर्ष तक यह पत्र ना दिखाए जाए। वे पत्र द हिव्रु यूनिवर्सिटी में उपलब्ध है। हिब्रु University में यह बताया गया है कि सन् 1912 से 1955 के मध्य में लिखे यह लगभग 3500 पत्र है।
 

रवीन्द्रनाथ टैगोर से मुलाकात:-
Meeting of Albert Einstein with Rabindranath Tagore: –

 

Albert Einstein की रवीन्द्रनाथ टैगोर से मुलाकात 14 July 1930 ई. को बर्लिन में हुई थी। एक महान विचारक एंव लेखक और एक महान वैज्ञानिक की यह मुलाकात और इनके बीच हुए संवादों को इतिहास की अनोखी संपत्ति माना गया है।
 
अनेक देशों की नागरिकता :-
 
Albert Einstein ने विभिन्न देशो की यात्रा की और अनेक देशो की नागरिकता भी प्राप्त की। इसके साथ ही यह अपने जीवन काल में राज्य विहीन भी रहे थे। 
इनकी सभी देशों की नागरिकता निम्निलिखित हैं:-
 
सन्1879 से 1896 – वुर्हनबर्ग (जर्मनी)
सन् 1896 से 1901 – राज्यविहीन(बिना किसी राज्य के)
सन् 1901 से 1911 – स्विट्जरलैंड
सन् 1911 से 1912 – ऑस्ट्रिया
सन् 1914 से 1933 – जर्मनी
सन् 1940 से 1955 – संयुक्त राज्य अमेरिका
 
उपलब्धियाँ एंव सम्मान:-
Achievements and Honors of Albert Einstein :-
 
 
इन्हे निम्नलिखित पुस्कारों से सम्मानित किया गया-
  1. 1920 – Barnard Medal 
  2. 1921- Nobel Prize in Physics 
  3. 1921- Matteucci Medal
  4. 1921- Far Memrs
  5. 1925- Copley Medal
  6. 1926- Gold Medal of the Royal Astronomical Society 
  7. 1929- Max Planck Medal
  8. 1942- a member of the National Academy of Science 
  9. 1942- Time Person of the Century.
 

मृत्यु और उनके मष्तिक के विषय में तथ्य:-
Facts about death and mind of Albert Einstein:

 
  • अप्रेल 1955 में Albert Einstein  की मृत्यु  Abdominal Aortic Aneurysm (पेट की महाधमनी मे फैलाव) से हुई। मृत्यु से पहले आइंस्टीन ने कहा था की, मृत्यु के बाद उनके शरीर का अंतिम संस्कार करा दिया जाए। परंतु शव के परीक्षण के समय एक पैथोलॉलिस्ट डॉ. थॉमस स्टोल्टज हार्वे  ने उनके दिमाग पर परीक्षण करने के लिए बड़ी आसानी से उसे चुरा लिया। 
 
  • 20 सालों तक Albert Einstein के दिमाग से कोई अवगत नही था। अत: 20 वर्षों बाद उनके दिमाग के 200 से अधिक टुकड़े करके अध्य्यन के लिए अलग-अलग वैज्ञानिकों को भेज दिया। उनके अध्ययन करने से यह पता चला कि आइंस्टीन के दिमाग में साधारण लोगो की तुलना में एक असाधरण सेल संरचना मौजूद थी। जिस कारण उनका दिमाग इतना अलग सोचता था।

आइंस्टीन से जुड़े अनसुने रोचक तथ्य:-
Unheard interesting facts related to Einstein: –

  • जब Albert Einstein यूनिवर्सिटी में  प्रोफेसर थे तब एक बार घर आते वक्त वह अपना पता भूल गये। वैसे तो अधिकतर लोग  उन्हे पहचानते थे। परंतु जिस टैक्सी से वह आ रहे थे वह ड़्राइवर नहीं पहचानता था। उन्होने ड्राइवर से पूछा क्या तुम्हें आइंस्टीन के घर का पता मालूम है। तो  ड्राइवर ने कहा प्रिसटन  University मे, उनका पता किसे मालूम नही होगा। 
  • यदि आपकों Albert Einstein से मिलना है तो मै आपकों उनके घर पहुँचा दुंगा। तब Albert Einsteint ने बाताया वह खुद आइंस्टीन है और अपने घर का पता भूल गए है। और उन्हें घर पहुँचाने के बाद टैक्सी का किराया भी नहीं लिया।
 
  • Albert Einstein जन्म के वक्त इनके सिर का आकार बहुत बड़ा था और 4 वर्ष की अवस्था तक  इन्हें बोलना भी नही आता था। 4 साल बाद रात का खाना खाते वक्त इन्होनें अचानक कहा दूध बहुत गर्म है।
 
  • जब भी कोई Albert Einstein से उनकी प्रयोगशाला के विषय में पुछता तो वे मुस्कुरा कर अपने सिर की ओर इशारा करते थे । उनका दिमाग उनकी प्रयोगशाला थी और फाउटेंन पेन उनका उपकरण था। जब  एक वैज्ञानिक ने पूछा आपका सबसे प्रिये उपकरण कौन-सा है तो उन्होनें अपना फाउटेंन पैन दे  दिया।
 
  • उन्हें डेट और फोन नंबर भी याद नहीं रहते थे। Albert Einstein खुद अपना फोन नंबर याद नहीं रहता था। एक बार जब उनके सहकर्मी ने उनका नंबर पूछा तो वे पास रखी टेलीफोन डायरेक्टीर में ढूढने लगे। तो सहकर्मी ने कहा आपकों अपना नंबर भी याद नहीं । तो आइंस्टीन ने जबाब दिया भला मै किसी ऐसी चीजों को क्यों याद रखु जो मुझे किताबों से ढूढने पर मिल जाए।
  • यह जीभ वाहर निकालने वाला फोटो उनका सन् 1941 का है जब  वे एक पार्टी से आ रहे थे और बहुत थके हुए थे। तब एक  फोटोग्राफर ने उनसे मुस्कुराते हुए फोटो खिचवाने को कहा तो उन्होनें ऐसा फोटो दिया।
 
  • 14 मार्च को पूरी दुनिया Albert Einstein के जन्म दिवस जीनियस डे के रूप में मनाती है।
  • अच्छा कार्य करने के लिए ये 10 घंटे की नींद लेते थे। चार्ली चैप्लिन की जीवनी में  इनके संगीत प्रेम का वर्णन है। वैसे तो ये अयोग्य संगीतकार थे परंंतु बचपन से लेकर बुढ़ापे तक एक वायलि हमेशा अपने पास रखते और किचन जाकर उसे बजाते थे।
  • एक बार जब वे भाषण देने जा रहे थे तो उनके उनसे उनके ड्राइवर ने कहा मै आपका भाषण इतनी बार सुन चुका की लोगो के सामने भाषण दे भी सकता हूँ। तो आइंस्टीन ने अपनी पोशाक ड्राइवर को दे दी और खुद ड्राइवर की पोशाक पहनकर बोले आज तुम ही भाषण देना और ड्राइवर ने हॉल में बिल्कुल वैसा ही भाषण दिया और लोगों के पूछे सवालों के सारे जबाब दिया। परंतु एक प्रश्न का उत्तर ना दे पाया तो उसने कहा इसका जबाब तो मेरा ड्राइवर ही दे देगा। जो ड्राइवर की पोशाक में खुद आइंस्टि थे।
  • एक बार वे रेल यात्रा कर रहे थे। तो जब टिकट चेकर उनके पास आया तो वे अपनी जेब और सूटकेस में ढूढने लगे। टिकट ना मिलने पर टिकट चेकर वोला कोई बात नहीं वह  उन्हें पहचानता है और उसे विश्वास है की टिकट अवश्य लिया होगा। लेकिन जब वह सभी लोगों के टिकट चैक करके वापस आया तब भी आइंस्टीन अपना  टिकट ढूंढ रहे थे। तो उसने कहा कोई बात नहीं आपसे टिकट नहीं मागेगें। तब आइंस्टीन ने कहा अगर टिकट नहीं मिला तो उन्हें पता कैसे चलेगा की उन्हें जाना कहाँ है।
 
आशा करते हैं आपकों इस पोस्ट से Albert Einstein  के जीवन से संबंधित अधिकतर जानकारी मिल गयी होगी। 
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Article By  –

Mr. Dharmendra Chaudhary
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