राष्ट्रिय हिन्दी दिवस 2023 पर विशेष
National Hindi Day 2023
Hindi Diwas के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी
Essay On Hindi Diwas 2020
हिन्दी विश्व में बोले जाने वाली प्रमुख भाषाओं में से एक है। हिन्दी विश्व की प्राचीन, सरल समृद्ध भाषा होने के साथ ही हमारी ‘राष्ट्रभाषा’ भी है। 1953 से 14 सितम्बर को हम प्रत्येक वर्ष ‘National Hindi Day’ के रूप में मनाते है।
14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाने का कारण बहुत पुराना है – सन् 1918 ई. में महात्मा गाँधी जी ने हिन्दी साहित्य सम्मलेन में हिन्दी को भारत की राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था।
पंरतु आजादी के बाद ऐसा कुछ नही हो पाया। जाति के नाम पर राजनीति करने वाले सत्ता में आसीन लोगों ने हिन्दी को कभी राष्ट्रभाषा नहीं बनने दिया। गाँधी जी ने हिन्दी को जनमानस की भाषा भी कहा था।
हिन्दी दिवस मनाने के पीछे का इतिहास – 1947 के बाद-
आजादी मिलने के बाद हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए अनेक साहित्यकारों कवियों जैसे- काका कालेलकर, हाजारीप्रसाद द्विवेदी, मैथिलीशरण गुप्त, सेठ गोविन्ददास आदि लोगो ने अथक प्रयास किये।
इनके साथ ही व्यौहार राजेन्द्र सिंहा ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के लिए बहुत संघर्ष किया। इसी दौरान लोगो को मनाने के लिए दक्षिण भारत
की अनेकों यात्राएँ भी की।
National Hindi Day हिन्दी दिवस की शुरुआत (1949 से 1950) –
स्वतंत्रता प्राप्त होने के दो वर्ष प्रश्चात 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत होकर हिन्दी को भारत गणराज्य की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया।
इसी महत्वपूर्ण निर्णय को महत्व देने व प्रत्येक क्षेत्र मे हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए 14 सितम्बर 1953से हर वर्ष यह दिन National Hindi Day के रूप में मनाया जाने लगा।
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14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाने के पिछे एक और तथ्य यह भी है कि 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी भाषा के पुरोधा त्यौहार राजेन्द्र सिंहा जी की 50वीं वर्षगाँठ थी।
भारत की राजभाषा नीति ( 1950 से 1965 ई.) –
26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ, उसके साथ ही राजभाषा नीति भी लागू हुई। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343(1) के अनुसार हिन्दी भारत की राजभाषा और लिपि देवनागरी है। इसके साथ यह भी है कि सरकारी कार्यों में अंग्रेजी का उपयोग भी किया जा सकता है।
अनुच्छेद 343(2) के तहत यह बताया गया कि संविधान लागू होने के पंद्रह वर्ष तक, यानि वर्ष 1965 तक संघ के सभी सरकारी कामकाजों में पहले की तरह अंग्रेजी का उपयोग होगा। यह इसलिए किया गया था कि इस दौरान हिन्दी ना समझने वाले हिन्दी सीख जायेगे।
अनुच्छेद 344 में यह कहा गया कि 15 वर्ष बाद अंग्रेजी भाषा पर रोक लगाई जाए। 1965 ई. को पंद्रह वर्ष पूर्ण हो चुके थे, पंरतु इसके बाद भी अंग्रेजी भाषा पर रोक नहीं लगाई गई।
और संसद मे अनुच्छेद 334(3) के तहत यह अधिकार दिया गया कि सन् 1965 के बाद भी सरकारी कार्यों में अंग्रेजी का प्रयोग हो सकता है। इसलिए हिन्दी और अंग्रेजी दोनों ही भारत की राजभाषा है।
अंग्रेजी भाषा का विरोध (1965 से 1967)
26 जनवरी 1965 को संसद में अग्रेजी भाषा का भी राजभाषा के रूप में उपयोग किये जाने का प्रस्ताव पारित हुआ। सन् 1967 में संसद भवन में ‘भाषा संशोधन विधेयक’ लाया गया।
जिसके पश्चात अंग्रेजी भाषा का प्रयोग अनिवार्य कर दिया गया । इस विधेयक में धारा 3(1) में हिन्दी की कोई चर्चा भी नहीं हुई। जिसके पश्चात अंग्रेजी का विरोध आराम्भ हो गया। 5 दिसंबर 1967 के दौरान प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने इस विधेयक में विचार-विमर्श करने को कहा।
सन् 1990 व उसके बाद –
National Hindi Day पर कार्यक्रम-
National Hindi Day पर अनेक कार्यक्रम होते है। इस दिन कई विद्यालय व कार्यालयों में National Hindi Day को उत्साह से मनाया जाता है।
विद्यालयों में बच्चों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों, निबंध लेखन, वाद-विवाद प्रतियोगिता व अन्य प्रतियोगिता, आदि के माध्यम से हिन्दी भाषा व भारतीय संस्कृति के महत्व के विषय में बताते है।
हिन्दी के प्रति लोगो को प्रेरित करने हेतु भाषा सम्मान का आरम्भ भी किया गया है। यह सम्मान हर वर्ष ऐसे व्यक्तित्व को दिये जाते है जो हिन्दी भाषा के प्रयोग व विकास के लिए विशेष योगदान व कार्य करते है।
National Hindi Day पर हिन्दी के महत्व को जानते है, लेकिन अगले ही दिन सभी भूल जाते है। इसलिए हिंदी भाषा को कुछ दिन भाषा और याद किया जा सके इसलिए राष्ट्रभाषा सप्ताह का भी आयोजन किया जाता है।
राजभाषा सप्ताह- National Language Week
हिन्दी सप्ताह या राष्ट्रभाषा सप्ताह National Hindi Day यानि 14 सितम्बर से एक सप्ताह तक मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य लोगों में हिन्दी भाषा के प्रयोग और विकास की भावना को जाग्रत करना व और आधिक बढाना है।
इस एक सप्ताह में विद्यालयों व कार्योलयों में अलग-अलग प्रतियोगिताएं जैसे- हिन्दी निबन्ध लेखन, वाद-विवाद, भाषण व कवि सम्मेलन, विचार गोष्ठी श्रुतलेखन प्रतियोगिता व अन्य कार्याकर्मों का आयोजन किया जाता है।
पुरस्कार – Award on National Hindi Day.
National Hindi Day के अवसर पर हिन्दी का प्रचार-प्रसार करने वाले व हिन्दी के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों के लिए पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा नई दिल्ली में विज्ञान भवन में वितरित किए जाते है।
25 मार्च 2015 को ग्रह मंत्रालय के आदेश पर Hindi Diwas पर दिए जाने वाले दो पुरस्कारो का नाम बदल दिया गया था। इन दो पुरस्कारों का नाम पहले राजनेताओं के नाम पर था, जिसे बदल कर राष्ट्राभाषा कीर्ति पुरस्कार और राष्ट्रभाषा गौरव पुरस्कार कर दिया गया था।
राजभाषा पुरस्कार मंत्रालयों , विभागो, पीएसयू और राष्ट्रीयकृत बेंकों में दिये जाते है।
राजभाषा कीर्ति पुरस्कार –
यह पुरस्कार किसी विभाग, समिति , मण्डल आदि को दिया जाता है। इसका उद्देश्य सरकारी कार्यों में हिन्दी का श्रेष्ठ उपयोग का है। इस पुरस्कार के अंतर्गत 39 पुरस्कार आते है।
राजभाषा गौरव पुरस्कार-
यह पुरस्कार लोगों को विज्ञान या तकनीकि विषय पर लेखन कार्य करने वाले भारतीय नागरिकों को दिया जाता है।
इसका उद्देश्य विज्ञान व तकनीकी क्षेत्र में हिन्दी को बढृावा देना है। इसमें दस हजार से दो लाख रूपये तक के 13 पुरस्कार होते है। इसमें प्रथम पुरस्कार के लिए दो लाख , द्वितीय पुरस्कार के लिए डेढ़ लाख और तृतीय पुरस्कार के लिए 75 हजार रूपये की राशि प्रदान की जाती है।
और दस लोगों को प्रोत्साहन पुरस्कार के रुप में दस-दस हजार रूपये भेंट किए जाते है। पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी व्यक्तियों को स्मृति चिन्ह भी प्रदान किया जाता है।
उत्पादक या वर्तमान में पिछड़ती हिन्दी –
पूरी दुनिया में बोलने वालों की संख्या के अनुसार अंग्रेजी और चीनी भाषा के बाद हिन्दी तीसरी सबसे बड़ी भाषा है। परंतु आज हिन्दी को पढ़ने, लिखने और सही प्रकार से समझने वालों की संख्या बहुत कम है। हिन्दी भाषा पर अंग्रेजी भाषा का भी बहुत प्रभाव पड़ा है।
हिन्दी शब्दों के जगह अंग्रेजी शब्दों ने ले ली है। जिससे भविष्य में हिन्दी भाषा के विलुप्त होने की संभावना बढ़ती है। आज यह स्थिति हो गई है की अंग्रेजी बोलने वाले को हिन्दी भाषा का ज्ञान रखने वाले से अधिक समझदार माना जाता है ।
पहले जहाँ विद्यालय में अंग्रेजी माध्यम ज्यादा नहीं हुआ करते थे। आज English Medium के विद्यालयों की संख्या तेजी बढ़ रही है। English Medium के विद्यालयों में अधिकतर छात्रों को हिन्दी लिखना या सही से बोलना भी नहीं आता है। एक भारतीय होने के नाते हम अपनी मातृ भाषा का ज्ञान होना अति आवश्यक है।
National Hindi Day के माध्यम से हिन्दी भाषा का ज्ञान रखने वाले व्यक्ति अन्य व्यक्तियों को भी हिन्दी भाषा के महत्व का बोध करा सकते है। लेकिन लोग और सरकार दोनों ही इसके लिए उदासीन दिखाई देते है। हिन्दी को अपने घर में ही दासी के रूप में रहना पड़ रहा है।
हिन्दी भाषा को आज तक संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा नहीं बनाया जा सका है। इसे विडंबना ही कह सकते है कि योग को 177 देशो को समर्थन प्राप्त हुआ, परंतु हिन्दी भाषा के लिए क्या 129 देशों का समर्थन नहीं जुटाया जा सकता है।
National Hindi Day का उद्देश्य –
National Hindi Day मनाने का मुक्य उद्देश्य लोगो को हिन्दी के प्रयोग और उसके महत्व को बताना है। National Hindi Day पर सभी सरकारी कार्यालयों में अंग्रेजी भाषा के प्रयोग के स्थान पर अंग्रेजी भाषा के प्रयोग का सुझाव दिया जाता है।
हिन्दी भाषा का ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों का भी कर्तव्य बनता है की वे भी अधिक से अधिक हिन्दी का प्रचार करे ताकि सभी एक जुट होकर इसका अस्तित्व बचा सके।
आज हिन्दी के अस्तित्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वाराणसी में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी हिन्दी संस्था की आज बहुत ही खस्ता हाल है। इसलिए हिन्दी का महत्व बनाये रखे।
आलोचना –
कई हिन्दी जानकार और लेखकों का कहना है कि National Hindi Day केवल एक सरकारी कार्य की भांति रह गया है।
इससे हिन्दी का विकास नहीं होता है। कई लोग हिन्दी दिवस के अवसर पर भी कार्यक्रमों में अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करते है। स्वयं सरकारी कर्मचारी भी हिन्दी से अधिक अंग्रेजी को महत्व देते है।
हिन्दी दिवस पर सामान्य प्रश्न- FAQs on National Hindi Day
👉National Hindi Day कब मनाया जाता है?
14 सितम्बर
👉प्रथम हिंदी दिवस कब मनाया गया था?
14 सितम्बर 1953 में
👉प्रत्येक वर्ष National Hindi Day मनाने का प्रस्ताव किसने किया था।
राष्ट्र्भाषा प्रचार समिति , वर्धा में।
👉हिन्दी की प्रथम कहानी व उसके लेखक कौन है?
कहानी- इंतुमती
लेखक- किशोरीलाल गौस्वामी
👉प्रथम बोलती हुई हिन्दी फिल्म का नाम क्या है?
आलम आरा
👉हिंदी की प्रथम पुस्तक व उसके लेखक का नाम क्या है?
पुस्तक- प्रेम सागर
लेखक- लल्लूलाल
👉भारत के अतिरिक्त किस अन्य देश में हिन्दी को अधिकारिक भाषा का
फीजी
👉खड़ीबोली हिन्दी की प्रथम रचना व लेखक?
रचना- गोरा बादल की कथा
लेखक- जटमल
👉हिन्दी का प्रथम नाटक व लेखक ?
रचना- नहुष,
👉हिन्दी का प्रथम उपन्यास व लेखक?
उपन्यास – परीक्षा गुरू,
👉हिन्दी का प्रथम यात्रावृत्तांत व लेखक
यात्रावृत्त- सरयू पार की यात्रा
लेखक- भारतेन्दु हरिशचन्द्र।
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