New education policy 2023
New education policy 2023

Top insights of New Education Policy In Hindi 2023 नई शिक्षा नीति 2023

 New Education Policy 2023

34 साल बाद नई शिक्षा नीति 2023
Kya Hai Nai Shiksha Niti ?

भारत सरकार द्वारा 29 जुलाई 2020 में 34 साल बाद नई शिक्षा नीति 2020 का प्रारूप तैयार कर पेश किया है। शुक्रवार,7 August को प्रधानमंत्री मोदी ने New Education Policy को लागु करने की बात कही है। 

 

यहाँ हम आपकों New education Policy 2020 के  विषय में Knowledge देने वाले है। 34 साल बाद नई शिक्षा नीति में क्या क्या सुधार हुए? आपके ऊपर New Education Policy का क्या प्रभाव पडेगा। और क्या नया है इस New Education Policy में। 

New Education Policy
New Education Policy

 भारत की नई शिक्षा नीति 2023

34 साल बाद नई शिक्षा नीति 2020 को 29 जुलाई को कैबिनेट की महुर लगने के बाद पूरे देश में लागु करने की प्रक्रिया जारी हो चुकी है। भारतीय शिक्षा प्रणाली को 1986 में जारी हुई नई शिक्षा नीति के बाद पहला नया बदलाव किया गया है। 

 

इस New Education Policy में Primary School से University तक को जोड़ा गया है तथा राष्ट्रभाषा पर भी विशेष तौर पर ध्यान  दिया गया है, जिसके कारण बच्चों को अपनी मातृभाषा हिन्दी का सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त कराया जा सके।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National  Education Policy) की स्थापना-

1948 में डॉ. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग का गठन हुआ था। तभी से राष्ट्रीय शिक्षा नीति का निर्माण होना भी शुरु हुआ था।
कोठारी आयोग की  सिफारिशों पर 1968 में पहली बार महत्वपूर्ण बदलाव के लिए प्रस्ताव प्रधानमंत्री इन्द्रिरा गाँधी काल में पारित हुआ था। 

 

शिक्षा कि चुनौती नामक एक दस्तावेज अगस्त 1985 में तैयार किया गया जिसमें भारत के विभिन्न वर्गों तथा विभिन्न धर्मों जैसे ( वौद्धिक, समाजिक, राजनैतिक, व्यवसायिक, प्रशासकीय आदि) ने अपनी शिक्षा सम्बंधी टिप्पणी दी और 1986 में भारत सरकार ने New Education Policy 1986 का प्रारूप तैयार किया। 
 
इस New Education Policy में विशेष तथ्य यह था कि इसमे पूरे भारत  के लिए एक जैसे शिक्षिक ढाँचे को स्वीकार किया और अधिकतम राज्यों ने 10+2+3 के फार्मूले को स्वीकार किया था। इसे प्रधानमंत्री राजीव गाँधी जी के शासन में जारी किया गया था।

 

इस Education Policy में संशोधन 1992 में किया गया था। जब 2014 में देश में आम चुनाव का ऐलान हुआ तब भारतीय जनता पार्टी जिसकी वर्तमान में सरकार है BJP ने 2014 के लोक सभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र (Manifesto) में एक New Education Policy बनाने का विषय शामिल किया था। 
जिसको 2019 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के द्वारा New Education Policy के लिए देश की जनता से सुझाव/ सहला मांगने शुरू किया। परंतु अब मानव संसाधन मंत्रालय का नाम अब दोबारा से बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है।

Change Or New In New Education Policy 2020

नई शिक्षा नीति 2020 में क्या-क्या नया है?

  • New Education Policy मे पुरानी Education Policy से बहुत ही भिन्न है।, इस नई नीति के आते ही मानव संसाधन मंत्रालय का नाम फिर से शिक्षा मंत्रालय कर  दिया गया है। 
  • इस New Education Policy में उच्च शिक्षा (कानूनी एंव चिकित्सीय शिक्षा को छोड़कर ) एक निकाय के रूप में भारत उच्च शिक्षा आयोग का गठन करने का प्रावधान किया है। 
  • New Education Policy में what to think की बजाय how to think पर फोकस किया गया है। 
  • इस New Education Policy में संगीत(Music), खेल(Game), योग (Yoga) इत्यादि को पाठ्य क्रम में ही  जोड़ा जाएगा।
  •  इस नई शिक्षा प्रणाली पर सकल घरेलू उत्पादन (G.D.P.)का कुल 6 प्रतिशत खर्च करने का लक्ष्य है। जो वर्तमान समय में 4.43%  है। 
  • New Education Policy 2020 में M.Phil को समाप्त कर दिया गया , अब किसी को अनुसंधान ( P.hd) में प्रवेश करने के लिए तीन वर्ष के स्नातक डिग्री के उपरान्त Post Graduation करने P.hd मे प्रवेश पा सकता है।

Important Change In New Education Policy 

  • नई शिक्षा नीति में और भी कई प्रकार के महत्वपूर्ण परिवर्तन किये गये  है। 
  • शिक्षा के लिए New Education Policy में  Skill,  Practical  पर विशेष बल दिया गया  है। 
  • प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में मनमाने ढ़ंग से फीस रखने व बढ़ाने को भी प्रतिबंध लगाने का प्रयास रहेगा।
  • पहले छात्र/छात्राएं Stream के अनुसार उच्च शिक्षा के लिए आवेदन करते थे। पंरतु अब इसमें बदलाव कर दिया गया है। आप अपनी Stream से अलग भी उच्च शिक्षा के लिए आवेदन कर सकते है।
  • इंजीनियरिंग के छात्र अब संगीत को भी अपने विषय के साथ अध्ययन कर सकते है। 
  • New Education Policy 2020 में National Science Foundation की तरह National Research Foundation लाई जायगी। विज्ञान के साथ सामाजिक विज्ञान को भी शामिल किया जायेगा।
  • New Education Policy 2020 में पहले और दूसरे कक्षा के छात्रों को गणित और भाषा तथा 4th And 5th कक्षा के छात्रों की लेखन शैली पर ध्यान देने के विषय पर बात कही गयी है। 
  • New Education Policy में अब स्कूल में 10+2 Format के स्थान पर 5+3+3+4 Format को अब शामिल किया जाएगा। इसमे पहले 5पाँच वर्ष में Primary School मे तीन साल और कक्षा 1 और कक्षा 2 सहित Foundation Stage को भी अब शामिल किय गया है। 
  • अब सरकारी स्कूल में तीन साल के प्राइमरी के बाद कक्षा 1 से शुरू होगी। इसके पश्चात 3-5 के तीन वर्ष शामिल किये जायेगे। इसके पश्चात तीन वर्ष का मीडिल स्टेज आयेगा, मतलब कक्षा 6 से 8 तक की कक्षा।
  • चौथा चरण कक्षा 9 से 12वीं तक का होगा। पहले जहाँ 11वीं से कक्षा में विषय का चुनाव करने की की आजादी होती थी। अब वह कक्षा 9वीं से प्राप्त होगी।
  • New Education Policy 2020 में शिक्षण के माध्यम से कक्षा 5वीं तक मातृभाषा का इस्तेमाल किया जायेगा। इस नीति में पहली वाली विधि को खत्म कर दिया जायेगा। जिसको सरकार ने मौजुदा समय की सबसे बड़ी समस्या माना है। 
  • New Education Policy 2020 में प्रथम वर्ष में पढ़ाई छोड़ने पर Certificate , 2nd Year मे छोड़ने पर Diploma, 3rd Year मे छोड़ने पर Degree देने का प्रावधान हो गया है।

नई शिक्षा नीति 2023 के दूरगामी परिणाम-

Long-term results Of New Education Policy

यह New Education Policy भविष्य में रोजगारपरक होगी।  New Education Policy 2023 स्वरोजगार के दृष्टि कोण से अच्छे परिणाण देगी। इस शिक्षा निति में छात्र/छात्रएं कॉलेज छोड सकते है और Multi Entry और Exits के तहत पुन: प्रवेश पा सकते है।
 New Education Policy में सरकार ने  व्यवसायिक शिक्षा को प्रभावी बनाना ही सरकार का उद्देश्य है। इस व्यवासयिक शिक्षा के अंंर्तगत छात्र कक्षा 6 से अपनी रूची और योग्या के अनुसार व्यवसायिक विषय का चयन कर सकते है।
जिसमे किशोर अवस्था से ही विद्यार्थी स्वरोजगार कि दिशा में अपनी सोच विकसित कर सकता है। इससे आत्मनिर्भरता और बेरोजगारी पर व्यवसायिक शिक्षा काफी हद तक अंकुश रख सकेगी।

 

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जय हिदं जय भारत
 

Article Author – Satyam Saini 

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